विशेष रिपोर्ट,, सीएम श्री कमलनाथ,(मंत्रिमंडल से पहले पत्रकारों में असंतोष व्याप्त।
विशेष रिपोर्ट भोपाल । कल कमलनाथ मंत्रिमण्डल की शपथग्रहण राज्यपाल द्वारा 3 बजे प्रस्तावित है । ज़िला प्रशासन और राजभवन सचिवालय के प्रयासो के फलस्वरूप कल शपथग्रहण से पहले राजभवन से प्रवेश पत्रो के जारी होने पर पत्रकारों में भेदभाव और पार्टी विशेष के समर्थित पत्रकारों को ही प्राथमिकता पर बवाल जारी हो गया है ।
सूत्रों के मुताबिक राजभवन सचिवालय के द्वारा ज़िला प्रशासन भोपाल को 270 प्रवेश पत्र सहित कुल 1200 लोगों की आमंत्रण की व्यवस्था के निर्देश प्राप्त हुए । वहीं यह ख़बर भी जोरों पर फैल रही है कि राजभवन सचिवालय , जनसम्पर्क और ज़िला प्रशासन द्वारा पार्टी विशेष समर्थित पत्रकारों को शपथग्रहण के प्रवेश पत्र प्रदान किये हैँ , जिससे कॉंग्रेस के नेताओं , बड़े मीडिया हाउस से प्रथक छोटे , मंझोले पत्र पत्रिकाओं से संबद्ध पत्रकारों में रोष व्याप्त है । कुछ पत्रकार तो कल राजभवन पर अपना विरोध दर्ज कराने , काले झंडे दिखाने का मन भी बना चुके है ।
आज कलेक्टर ऑफिस में कॉंग्रेस के बड़े , छोटे नेताओं सहित दर्जनों पत्रकार एडीएम संतोष वर्मा से प्रवेश पत्र पाने के लिए भारी मशक्कत करते दिखाई दिए । कॉंग्रेस के एक नेता के मुताबिक राजभवन से एडीएम को सख़्ती से कहा गया है कि कल फालतू भीड़ नही चाहिऐ , लिहाजा प्रवेश पत्र विशिष्ट या चिन्हित लोगों को ही दिए जाए । जनसम्पर्क संचालनालय में आयुक्त पी नरहरि के आश्वासन की ख़बर से खुश कुछ पत्रकारों को जब प्रवेश पत्र नही मिले तो विवाद निर्मित हो गया । वहीं कॉंग्रेस मुख्यालय से भी नेताओं को खाली हाथ लौटना पड़ा ।
सूत्रों के मुताबिक पत्रकारों के एक संगठन द्वारा प्रवेश पत्र वितरण में किये गए पक्षपातपूर्ण रवैये के ख़िलाफ़ रणनीति बनाई जा रही है , कल होने वाले मंत्रिमण्डल शपथग्रहण पर पत्रकार बिरादरी के असंतोष के बादल छाए हैँ और लोग दबी ज़ुबान से इस सबके लिए राजभवन सचिवालय और उसकी पत्रकार विरोधी नीति को ज़िम्मेदार मान रहे हैँ । क्यूंकि शिवराज सरकार के अंतिम मंत्रिमण्डल विस्तार के शपथग्रहण के समय राजभवन में मीडिया के प्रवेश की रोक की घटना पूर्व में घटित हो चुकी है । मीडिया ने उस समय भी काफ़ी विरोध दर्ज कराया था ।
सूत्र यह भी बता रहे है कि शपथग्रहण कार्यक्रम से पत्रकारों को जानबूझकर दूर किया गया है ताकि कॉंग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ मीडिया का विरोध उजागर हो और कॉंग्रेस को हानि हो । इस सबके लिए जो भी ज़िम्मेदार हो परन्तु राजभवन सचिवालय की पत्रकार विरोधी नीति का कॉंग्रेस शासन में यदि अंत नही हुआ तो कॉंग्रेस से मीडिया की दूरियां बढ़ेंगी , विरोध और असंतोष बढ़ेगा जो कमलनाथ सरकार के लिए हितकारी नही होगी।

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