pub-7443694812611045 प्रेस कॉन्फ्रेंस - गुरु शुक्र अस्त में विवाह होना धर्मशास्त्र संगत, तर्कसंगत एवं परिहार पूर्ण है: शास्त्री।। - Agnichakra

प्रेस कॉन्फ्रेंस - गुरु शुक्र अस्त में विवाह होना धर्मशास्त्र संगत, तर्कसंगत एवं परिहार पूर्ण है: शास्त्री।।

 




12 जून से शादी सीजन बंद हो रहा है,रामरतन शर्मा बोले, 12 जून के बाद भी हो शादी ,।।



फरहान काजी रन्नौद@ -: जिले भर ही नही  प्रदेश भर में 12 जून से हिन्दू वैदिक सनातन धर्म का शादी सीजन खत्म हो रहा है जिसके चलते ज्योतिष आचार्य पंडित रामरतन शर्मा द्वारा प्रेस वार्ता कर विवाह मुहूर्त का विरोध किया है और उन्होंने बताया है कि शादी 12 जून के बाद भड़िया नवें तक भी शादी होना चाहिए। 



बता दे कि यदि आप बराह मिहिर की वृत्तसंहिता ज्योतिष को मानते हो या भारतीय वैदिक सनातन धर्म शास्त्रों को मानते हो अथवा धर्म निर्णय मंडल लोनावाला महाराष्ट्र के धर्म निर्णयों को मानते हो तो कहीं भी नहीं लिखा कि गुरु शुक्र अस्त में सिंहस्थ गुरु में विवाह आदि मंगल कार्य नहीं होते यह केवल ज्योतिषीय ग्रंथ मै लिखा पाया जाता है ज्योतिष ग्रंथ धर्मशास्त्र नहीं है।।




 शास्त्री रतन शर्मा ने यह भी बताया है कि - केवल विधान शास्त्र है रितु वस्तु वेदों विज्ञान धर्मशास्त्र वस्तुएं स्मृतियां मनुस्मृति को वेद एवं स्मृतियों को धर्म शास्त्र कहते हैं उनमें कहीं भी नहीं लिखा कि गुरु अस्त् में विवाह नहीं होना चाहिए ज्योतिषीय ग्रंथ जैसे है - हेमाद्रि काल माधव निर्णय सिंधु धर्म सिंधु वीरगित्रोदय, भगवन्त भास्कर,मुर्हतचिंतामणि, मुर्हत मार्तण्ड, मुर्हत गणपति और उनके अनेक ज्मोतिषीय ग्रंथों को आधार मन कर धर्मो धर्म का निर्णय लिया गया है, ।।



वर्तमान पंचांग कारों ने इन्हीं ज्योतिष को आधार पर शादियां बंद करवा दी गई ज्योतिष नहीं है वेदांग है धर्मशास्त्र नहीं है यह काल विधान शास्त्र है।वे पंचांग कार ज्योतिष व धर्मशास्त्र के भेद एवं प्रधानता से पूर्णता अनभिज्ञ है,जबकि स्पष्ट कहा गया है जहां ज्मोतिषीय व धर्म शास्त्रों में विरोध हो तो वहां ज्योतिष  को त्याग करो धर्मशास्त्र को आचरण में लाना चाहिए या गुरु शुक्र अस्त में विवाह होने का निश्चित को त्याग कर धर्मशास्त्र को का पालन करना चाहिए।और यह रूढिवादी वादी प्रथा को बंद करना चाहिए।।।।



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