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शा.मधमिक विद्यालय मायापुर व हाई स्कूल छात्र संख्या तो कम मिली दोनों स्कूल प्रांगढ़ में साथ साथ शिक्षक नाराद मिले! शा. माध्यमिक विद्यालय मायापुर व शा हाई स्कूल में स्टूडेंट के क्लास के समय गोल रहते है शिक्षक बच्चों को नहीं मालूम बाल सभा का मुख्य उद्देश क्या है।,,?माध्यमिक विद्यालय की मैडम को नहीं मालूम अपने प्रधानमंत्री का पूरा नाम ।। जिम्मेदार अधिकारी को कराना चाह अवगत तो फोन कॉल नही उठा
शा.मधमिक विद्यालय मायापुर व हाई स्कूल छात्र संख्या तो कम मिली दोनों स्कूल प्रांगढ़ में साथ साथ शिक्षक नाराद मिले! शा. माध्यमिक विद्यालय मायापुर व शा हाई स्कूल में स्टूडेंट के क्लास के समय गोल रहते है शिक्षक बच्चों को नहीं मालूम बाल सभा का मुख्य उद्देश क्या है।,,?माध्यमिक विद्यालय की मैडम को नहीं मालूम अपने प्रधानमंत्री का पूरा नाम ।। जिम्मेदार अधिकारी को कराना चाह अवगत तो फोन कॉल नही उठा
शा. माध्यमिक विद्यालय मायापुर व शा हाई स्कूल में स्टूडेंट के क्लास के समय गोल रहते है शिक्षक बच्चों को नहीं मालूम बाल सभा का मुख्य उद्देश क्या है।,,?माध्यमिक विद्यालय की मैडम को नहीं मालूम अपने प्रधानमंत्री का पूरा नाम
जिम्मेदार अधिकारी को कराना चाह अवगत तो फोन कॉल नही उठा
आखिर 4 30 बजे से पहले क्यों होते है स्कूल बन्द।क्या जिले के आला अधिकारी का भय नही है ।या यू कहे फिर अधिकारी द्वारा कोई स्कूलो का समय रहते कोई जांच पड़ताल नही की जाती है।समय पर जांच नही होती इसी बात का शिक्षक लोग फायदा उठा लेते है।समय -समय पर स्कूल की जांच कर कार्यवाही की दरकार।

कड़क अंदाज में मीडिया के सामने स्कूल किये बन्द जब पूछा तो सभी इस्ताप कुछ बोले बिना चल दिए
जिम्मेदाराना। शिक्षक को क्यों शासन के तहत बताये गए नियम में दिक्कत अ रही है समय 10 30 बजे से 4. 30.बजे तक स्कूल परिसर खुलना हर हाल में लाजमी है किसी भी हद तक बो शिक्षक किसी भी बड़े घराने का हो या नेता नगरी से जुड़ा हो उसको भी यह समय का पालन करना पड़ेगा नही तो शिक्षक पर या जिम्मेदाराना अधिकारी पर कार्यवाही होना अति अवश्यक है। तभी माहौल बनेगा।
स्कूल के आस पास व स्कूल परिसर में गन्दगी का अम्बार लगा रहता है देखने वाला कोई जिम्मेदार नही न शिक्षक साफ सफाई का लेते जाएजा न सरपंच सचिव ।न ही स्कूल परिसर में गेट है अगर स्कूल परिसर में ग्राउंड है तो मवेसी का आतंग उसमे गन्दगी से भरा हुआ।
शौचालय का नही कोई अच्छा इंतेजाम गन्दगी में ही करना पड़ता है शौच।
अग्निचक्र की पड़ताल में ग्रामीण ने लगाये प्रदेश शासन व जिले के आला अधिकारी पर आरोप
मोहम्मद फरहान काजी। एक तरफ जहाँ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार बच्चों का भविष्य सवार ने के लिए हर तरफ से प्रयास में जुटी है और हर मूल भूत सुबिधा देने का प्रयास कर रही है परन्तु शिक्षकों द्वारा उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।
ग्रामीणों के हवाले से ख़बर है स्कूल में शिक्षक का समय फिक्स नही है न जाने का का समय फिक्स है।इसका मुख्य कारण है शिक्षक की मनमानी कैसे बनेगा बच्चों का भबिष्य।
नियमित शिक्षक नही बैठते तभी तो छात्र छात्राओ द्वारा प्राइबेट स्कूल में दखला कराया जाता है फिर उन छात्र छात्राओ के पालक प्राइबेट स्कूल संचालक के मजबूरी के शिकार हो जाते है। और शासन की योजनाये केवल और केवल कगजो में दिखाई देती है। जब सरकारी स्कूल में शिक्षक समय से पहले चले जाते है तभी तो बच्चे स्कूल जाने के बाद पढ़ाई में भी मन नही लगाते है। जिसका मुख्य कारण है शिक्षक का समय से पहले स्कूल से अपने घर जाना
आये दिन समाचार के माध्यम से देखा जाता है स्कूल परिसर में गन्दगी व मास्टर साहब स्कूल बन्द करके अपने घर के लिए प्रस्थान कर देते है।और सबसे मुख्य बात काफ़ी समय हो गया स्कूल का नही किया गया कोई मेटिनेश और स्कूल परिसर के बहार इतनी गंदगी का मलबा पड़ा रहता है गांव वालो का कहना है जिले के आला अधिकारी नही लेते स्कूल की सुध शिवपुरी जिला मुख्यालय के अंतर्गत ऐसे कई स्कूल जो कि समय रहते बन्द कर दिए जाते है जिला शिक्षा अधिकारी इन पर कोई कार्यवाही नही करते है ऐसा ही मामला देखने में आया है कि शा.मधमिक विद्यालय मायापुर व हाई स्कूल छात्र संख्या तो कम मिली दोनों स्कूल प्रांगढ़ में साथ साथ शिक्षक नाराद मिले!
और स्कूल परिसर में मवेशियों का आतंक देखने को मिला मवेशियों को खुल्लम खुल्ला स्कूल परिसर में घूमना गंदगी को बढ़ावा दे रहा है माननीय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपने को पतीला लगाए जाता नजर अ रहा है।मोदी जी का सपना है गांव गांव स्वच्छ हो शिक्षा का दरवार माने जाने वाला जब गंदगी अम्बार दिखेगा जहां से शिक्षा प्राप्त होती है तो क्या स्वच्छ भारत अभियान का सपना साकार हो पाएगा देखते हैं क्या अधिकारी इन क्षेत्र के स्कूलों को जल्द निरीक्षण कर कारवाई करेंगे या ईश्वर भरोसे बच्चों का भविष्य छोड़ दिया जायेगा
दरकार है जल्द देखा जायेगा स्कूल को तो सही होगा बच्चों का भविष्य।
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