pub-7443694812611045 शाही जमा मस्जिद रन्नौद में गुनाहो की माफ़ी के लिए उठे हजारो हाथ रात भर चला दुआए मगफिरत का सिलसिला शबे ए कद्र के रात्रि में युवाओ ने किया रोजा इफ्तार पार्टी जैसा कार्यक्रम की जम कर लोगो ने की तारीफ। हर एक नेक मोमिन का झुका सज्दे में सर रो रो कर मांगी अपनी गुनाह की माफ़ी। सुबह होते ही मीठी ईद यानि ईदुल फ़ित्र की तैयारी में जुटे मुस्लिम बन्धु। शाही जमा मस्जिद रन्नौद में लगातार सुन्नते ए तराबी सैयद हाफिज अयान द्वारा तराबी पढ़ाई गई जिसमे इस बार का नजराना कुल मिला 26 हजार 500 रूपये जिसमे से 20 हजार हाफिज साहब को नजराना पेश किया गया बाकि तबरुक में ब अन्य डेकोरेक्ट में खर्च हुआ। हाफिज साहब हार माला पहना कर स्वागत किया कई लोगो ने हाफिज साहब को कपड़े व मिठाई दी व 10 दिन के लिए मस्जिद में एतिकाफ के लिए बैठे लोगो का भी जोशीला स्वागत हुआ। नफ्ले नमाज के बाद मुस्लिम बन्धुओ ने स्वच्छता का लिया सन्देश और मस्जिद के साथ साथ बहार भी की साफ सफाई:-✒ - Agnichakra

शाही जमा मस्जिद रन्नौद में गुनाहो की माफ़ी के लिए उठे हजारो हाथ रात भर चला दुआए मगफिरत का सिलसिला शबे ए कद्र के रात्रि में युवाओ ने किया रोजा इफ्तार पार्टी जैसा कार्यक्रम की जम कर लोगो ने की तारीफ। हर एक नेक मोमिन का झुका सज्दे में सर रो रो कर मांगी अपनी गुनाह की माफ़ी। सुबह होते ही मीठी ईद यानि ईदुल फ़ित्र की तैयारी में जुटे मुस्लिम बन्धु। शाही जमा मस्जिद रन्नौद में लगातार सुन्नते ए तराबी सैयद हाफिज अयान द्वारा तराबी पढ़ाई गई जिसमे इस बार का नजराना कुल मिला 26 हजार 500 रूपये जिसमे से 20 हजार हाफिज साहब को नजराना पेश किया गया बाकि तबरुक में ब अन्य डेकोरेक्ट में खर्च हुआ। हाफिज साहब हार माला पहना कर स्वागत किया कई लोगो ने हाफिज साहब को कपड़े व मिठाई दी व 10 दिन के लिए मस्जिद में एतिकाफ के लिए बैठे लोगो का भी जोशीला स्वागत हुआ। नफ्ले नमाज के बाद मुस्लिम बन्धुओ ने स्वच्छता का लिया सन्देश और मस्जिद के साथ साथ बहार भी की साफ सफाई:-✒

शाही जमा मस्जिद रन्नौद में गुनाहो की माफ़ी के लिए उठे हजारो हाथ रात भर चला दुआए मगफिरत का सिलसिला।



शबे ए कद्र के रात्रि में युवाओ ने किया रोजा इफ्तार पार्टी जैसा कार्यक्रम की जम कर लोगो ने की तारीफ।




हर एक नेक मोमिन का झुका सज्दे में सर रो रो कर मांगी अपनी गुनाह की माफ़ी।



सुबह होते ही मीठी ईद यानि ईदुल फ़ित्र की तैयारी में जुटे मुस्लिम बन्धु।



शाही जमा मस्जिद रन्नौद में लगातार सुन्नते ए तराबी सैयद हाफिज अयान द्वारा तराबी पढ़ाई गई जिसमे इस बार का नजराना कुल मिला 26 हजार 500 रूपये जिसमे से 20 हजार हाफिज साहब को नजराना पेश किया गया बाकि तबरुक में ब अन्य डेकोरेक्ट में खर्च हुआ। 


हाफिज साहब हार माला पहना कर स्वागत किया कई लोगो ने हाफिज साहब को कपड़े व मिठाई दी  व 10 दिन के लिए मस्जिद में एतिकाफ के लिए बैठे लोगो का भी जोशीला स्वागत हुआ।

नफ्ले नमाज के बाद मुस्लिम बन्धुओ ने स्वच्छता का लिया सन्देश और मस्जिद के साथ साथ बहार भी की साफ सफाई।


मीडिया हॉउस न्यूज नेटवर्क रन्नौद मोहम्मद फरहान काजी। कस्बा रन्नौद में शनिवार की रात शब-ए-बराअत बड़ी ही अकीदत और इबादत के साथ मनाई गई। मुसलमानों ने मस्जिदों में, खानकाहों व कब्रिस्तानों में रोशनी चिरागां किया और अपने मरहूमीन की कब्रों पर जाकर फातेहा पढ़ा। रात भर शब ए कद्र में लोगों ने इबादतें कर अपने गुनाहों की मगफिरत खुदा से मांगी। मगरिब के वक्त पढ़ी गई खास नफ्ल नमाज के बाद शहर व मुल्क की हिफाजत व तरक्की के लिए इज्तिमाई दुआ की गई।

शब ए कद्र में की गई इबादत को हजार महीनों की इबादत के बराबर माना गया है। शब-ए-बराअत यानि निजात की रात, जिसमें मुसलमान अपने गुनाहों की माफी खुदा से मांगते हैं। रात भर खुदा की इबादत कर अपनों और अपने पुरखों की मगफिरत के लिए दुआ करते हैं। शनिवार की रात अकीदत और परम्परागत तरीके से शब ए बराअत का त्यौहार मनाया गया।




दिन में घरों में हलवा व अन्य पकवान बनाकर नजर कराई गई और शाम को शब ए कद्र के मौके पर लोगों ने अपने पुरखों की कब्रों पर जाकर फूल व इत्र पेश किया। कब्रिस्तानों की सफाई कर उन्हें रोशनी से सजाया गया। लोगों ने मरहूमीन की रूह को इसाले सवाब के लिए फातेहा पढ़ा और उनकी मगफिरत दुआ मांगी। घरों और मस्जिदों में शब ए कद्र के एहतिमाम किए गए।




जहां सुबह तक लोगों ने नफ्ल नमाजे पढ़ीं और कुरान की तिलावत की। सलातुल तस्बीह की खास नमाज भी पढ़ाई गई। नगर की शाही जामा रन्नौद व रजा मस्जिद,समेत सभी मस्जिदों में रात भर शब ए कद्र में इबादतों का सिलसिला चलता रहा। शहर के मोमिन प्रतिनिधि के अनुसार कब्रों और घरों में रोशनी कर दुआ मांगी गई।



शबे ए कद्र का ख़ास ए
रोजा रखा, मांगी दुआ रविवार के रोजे के लिए सहरी का भी इंतजाम किया गया। क्योंकि शब ए कद्र के दूसरे दिन रोजा रखने का हुक्म है। शब ए बरात में मगरिब की नमाज के बाद छह रकात नफ्ल नमाजें पढ़ी गई। पहली दो रकात में लोगों ने अपनी सलामती की दुआ की और बाकी चार रकअतों में शहर व मुल्क की।


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