मुहर्रम की 9 और दसवीं रात को लगे या हुसैन के नारे। कर्तव्यकारो ने दिखाए अपनी भुजाओ के हुनर।। बॉक्स :-पंचायत के कर्ता धर्ताओं ने नही ली अखाड़ा मैदान की साफ सफाई सुध गोवर के बीच हैरत गेंज ने दिखाए कलाये। थाना प्रभारी कैलाश नारायण शर्मा व बदरवास तहसीलदार व नायब तहसीलदार रन्नौद ने मोर्चा संभाला।
रन्नौद /शिवपुरी:- जिले की तहसील रन्नौद नगर में हर बर्ष की भांति इस बर्ष भी कर्बला के 72 शहीदों का काफिला की याद में मुहर्रम की दसवीं रात को शहर के कई इलाकों में एकाएक ताजिये बना कर निकाले और अखाड़ा मैदान पहुचे।
यह जमघट वटबाड़ मोहल्ला इमामबाड़ा की तरफ से होकर जमादार मोहल्ला व पठान मोहल्ला से होता हुआ सदरबाजार की तरफ निकला और फिर शाम को अखाडा मैदान जा पहुचा।
मोमन बाड़ा , चंदेरी मोहल्ला , खटीक मोहल्ला, आसपास के कई इलाकों में मुस्लिम कौमी लोगो के साथ जुलूस निकाले और नारे लगा कर शहीदों की याद दिलाई।
हर चार कदम पर 'नियाजी हुसैन' बोलते लोग जुलूस की खिदमत में लगे थे।
कोई पानी बांट रहा था तो कोई शरबत। जुलूस को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किये थे।
थाना प्रभारी कैलाश नारायण शर्मा व बदरवास तहसीलदार व नायब तहसीलदार रन्नौद ने मोर्चा संभाला।
मुहर्रम के दसवीं रात को हर नुक्कड़-चौराहे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।
देर रात्रि इवादत गुजारो का भी सिला रहा साथ ही कई मोमिन बन्दों ने हजरत हसन हुसैन व हजरत इमाम हुसैन की रजा के लिए रोजे रखें बैसे रोजे तो दस रखे जाते है पर चाँद की दस तारीख का रोजा भी काफी अहम बताया है।
शब-ए-आशूरा के जुलूस से पहले इमाम हुसैन की सआदत सुनकर लोगों ने जमकर आंसू बहाए और वहीं जुलूस के आगे अकीदतमंद मातम मना रहे थे।
साथ ही पीछे ताजिये व बुर्राख को छूकर लोग मन्नतें मांग रहे थे। हर तरफ से अली मौला, हैदर मौला की सदायें गूंज रही थीं। जुलूस व मत्तम अखाडा देखने महिलाएं भी बड़ी संख्या में दिखीं।
मातम व अखाड़ा देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा।
जानकारों ने बताया के हर साल यहां ऐसी ही रौनक रहती है। बड़े, बूढ़े, बच्चे और जवान सभी इस रात को मातम करते है। जगह जगह मजलिसें सजती हैं जिसमें अली हुसैन की बात की जाती है।
बॉक्स :-पंचायत के कर्ता धर्ताओं ने नही ली अखाड़ा मैदान की साफ सफाई की सुध गोवर के बीच हैरत गेंज ने दिखाए कलाये।






कोई टिप्पणी नहीं