pub-7443694812611045 राष्ट्रीय पक्षी मोर का बिना पीएम ,अंतिम संस्कार मामले में, रेंजर कृतिका पर अभयदान आखिर कब तक। - Agnichakra

राष्ट्रीय पक्षी मोर का बिना पीएम ,अंतिम संस्कार मामले में, रेंजर कृतिका पर अभयदान आखिर कब तक।

 



पॉइंट 1,, वन रक्षक नरेंद्र कुमार बिधुआँ चीखता रहा चिल्ला था रहा, में निर्दोष हु रेंजर, कृतिका दोषी है,।।


पॉइंट 2,, 14 जुलाई 2021 में राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हुई, रेंजर कृतिका शुक्ला के आदेश से जला दिया तो दोषी तो मेडम साहिबा है न ,।।



पॉइंट 3,, वन महकमा आखिर कब तक ......................लेकर बचाता रहेगा कड़क रवैया वाली रेंजर को,,।


पॉइंट 4,, नरेंद्र कुमार बिधुआँ ने पूर्व में वन मंडल शिवपुरी कार्यलय में लिखित कथन देकर बताया था कि,मेडम के आदेश से राष्ट्रीय पक्षी मोर का अंतिम संस्कार किया था,।




मोहम्मद फरहान काजी@, रन्नौद - शिवपुरी :- वन मंडल शिवपुरी के वन परिक्षेत्र कोलारस के अंतर्गत आने वाला गांव मुडेरी वन क्षेत्र में 14 जुलाई 2021 को अज्ञात कारण से राष्ट्रीय पक्षी की मौत हो गई थी, ग्रामीणों ने तब वन विभाग को सूचना दी तब वन विभाग के वन रक्षक भागे भागे मुडेरी गांव आये जहां ,मृत अवस्था मे पड़ी राष्ट्रीय पक्षी मोर को अपने कब्जे में लेकर वहां से पीएम कराने चले गए, जब पीएम न हुआ तो रेंजर कृतिका शुक्ला ने मौखिक फोन पर आदेश देकर राष्ट्रीय पक्षी मोर का अंतिम संस्कार करने कह दिया अंत मे वह गार्डों ने उक्त मोर को जला दिया, तब मीडिया ने मामला उठाया तो आनन फानन में मामले को दबाने का प्रयास किया, जो कि आज दिनाक तक मुख्य बिंदुओं से कार्यवाई कोषों दूर नजर आ रही है,जिसमें रेंजर कृतिका शुक्ला पर बड़ा अभयदान देकर बचाया जा रहा है, साथ ही कमजोर बेकशूर वन रक्षक नरेंद्र कुमार बिधुआँ पर कार्यवाई कर मामले से इति श्री दर्ज कर ली गई है जबकि वन रक्षक अपने बयानों में बार बार आज दिनाक तक यही चिल्ला रहा है कि हम दोषी नहीं इतना अन्याय ठीक नहीं रेंजर पर कार्यवाई जल्द से जल्द हो ,।।



प्राप्त जानकारी के अनुसार , पाठको को बता दे कि 2021 के जुलाई माह में एक जिम्मेदार अधिकारी ने खुद का कृत्य छुपाने अपने ऊपर विभागीय कार्यवाई से बचने छोटे कर्मचारी पर कार्यवाई करा कर पूरी कार्यवाई ठंडे बस्ते की कहानी में दर्ज करा कर खुद बैठी हुई है शांति से जबकि अधिकारियों व वन रक्षक के बयान पूर्व में पाठको के बीच प्रकाशन कर सामने लाने का काम मीडिया ने बखूबी किया है,।।





मामले में बता दे कि,14 जुलाई को वह दिन था जहाँ राष्ट्रीय पक्षी की मौत के बाद अपमान किया गया था जिसके सारे प्रोटोकॉल तोड़ मरोड़ कर बिना आला अफसर की मौजूदगी में एवं बिना पीएम कराए मुडेरी गांव में अंतिम संस्कार किया गया था,उस बक्त जिम्मेदारों ने मामले को गम्भीर मानते हुए रेंजर कोलारस को कड़ी फटकार लगाई थी, उसके बाद विभागीय जांच शुरू हुई कई सदस्यीय टीम से कराई गई थी, जांच एक आला दर्जे की रेंजर साहिबान पर होना थी,कार्यबाई परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ, जांच खत्म होते होते वन रक्षक पर कार्यवाई कर वाहवाही लूटी गई,लेकिन जिस वन रक्षक पर कार्यवाई हुई उक्त वन रक्षक ने बिना डरे कार्यवाई से पूर्व में खुल कर अधिकारियों की पोल खोली ओर रेंजर कृतिका शुक्ला की काली करतूत मीडिया में बयान देकर मामला साफ कर दिया और रेंजर ही दोषी है इस ओर इशारा कर दिया गया था, ओर आज भी अपने बयान पर काबिज है कि रेंजर ही दोषी हैं, हम कोई कर्मचारियों बड़े अधिकारियों के नीचे काम करते है और आगे भी करते आये है, छोटा कर्मचारी कभी ऐसा गलत काम नहीं करता जिससे उसे शर्मिंदा होना पड़े,।।।


अब ऐसे में सबाल यह खड़ा होता है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी अभयदान क्यों,,,,,।।



13 अप्रैल 2021 को भी एक मामला सामने आया था जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत मामले में राष्ट्रीय पक्षी का अध जला शब कुत्ते बिल्ली को नोचने खाचने छोड़ भाग गए थे वन रक्षक ब्रजेश शर्मा नहीं हो सकी उन पर भी कार्यवाही आखिर अभयदान देने का रूटीन बना लिया है क्या जिम्मेदारों ने ऐसे में हर पहलू पर जिम्मेदारों पर बड़ा सबाल खड़ा हो रहा है आगे मामला देखना दिलचस्व होगा


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