सिर चढ़ के बोला रंग में भंग एक दर्जन से अधिक पुलिस की टुकड़ी ने सम्भाला मोर्चा।।
होली के हुड़दंग में उत्पादियो ने जम कर मचाया उत्पाद तीसरी आँख नही कर पाई सुरक्षा ।।।।।
मामला आदिवासी समुदायक के दो सदस्य पर जम कर मारपीट व फोड़ी बाइक।।
आदिवासी समाज में दिखा सड़क पर भारी आक्रोश हर कोई के हाथ में थी लड़ने लायक सामग्री व नन्ने मुन्ने बच्चों के सामने भी काफी हद तक दिखा मारपीट का विरोध हाथ में मिले धार धार हथियार।। ।।।
मोहम्मद फरहान काजी मीडिया हॉउस रन्नौद
रन्नौद। कोलारस अनुविभाग के अंतर्गत आने वाली तहसील रन्नौद के आदिवासी ग्रामीणों ने दो आदिवासी वर्ग के व्यक्ति के साथ मारपीट व बाइक को तोड़ फोड़ करने आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस का कुछ साफ कहने मन नही कि
व होली के मद होसी में यह छोटी मोटी घटना हुई है जबकि छोटी मोटी घटना कहने वाले को यह नही मालूम कि आदिवासी वर्ग के लोगो में कितना आक्रोश व्याप्त है कि हर कोई के हाथ में हल्की पुलकी लड़ने लायक सामग्री थी और नन्ने मुन्ने बच्चों के पास लुहंगी व जंगिले धार धार हथियार सामग्री थी।।
आदिवासी बहुमूल्य के विरोध प्रदर्शन के बाद सायद पुलिस ने आपने हाथो से कागजात तो रंग लिए भीड़ को देख परन्तु यह साफ नही कहा जा सकता कि एफ आई आर हुई या नही।।।।।
जानकारी के मुताबिक करन आदिवासी व खेंचू आदिवासी निवासी रन्नौद के ऊपर रन्नौद के ही सुनील विश्कर्मा ने जम कर मारपीट की है और फरियादी की मोटर साइकल भी पत्थर पटक-पटक कर फोड़ दी है यह स्पष्ट नहीं हुआ कि किन कारणों से यह लड़ाई हुई और क्यों बाइक को नुकसान पहुंचा।।।।
प्रशासन से मांग की है कि आदिवासियों वर्ग दो साथियो के साथ मारपीट करने वाले सुनील विश्वकर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।।।।
परिजन व समाज के लोग रन्नौद थाना पहुच गए
इस घटना के बाद मारपीट से चोटेल दोनों लोग रन्नौद थाने पहुंच गए और आरोपी के खिलाफ शिकायत आवेदन दिया 21 मार्च को देर रात्रि ।।
ग्रामीणों ने सिर्फ इसलिए थाना का घेराव कर दिया था, आरोपी रन्नौद लोकल का था और किसी के द्वारा संरक्षण देकर कहीं ना कहीं बचाने का प्रयास किया जा रहा था इसलिए चिल्ला चोट करते हुए थाने जा पहुंचे घेराव कर कार्रवाई की मांग की
(बॉक्स 1)
(मासूम बालिका के हाथ में जंग धारी अबैध हथियार ।)
(बॉक्स 2)
(होली के हुड़दंग में कच्ची शराब पीकर मचाया उत्पाद गनीमत यह रही की आरोपी मौके पर नही मिला बरना आदिवासी बर्ग के लोग ईट का जबाब पत्थर से देते।)
(बॉक्स 3)
(घटना के बाद रोड विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीणजन।)
(बॉक्स 4)
(कुछ पुलिस की टोली ने गाड़ी से पहुच कर मोर्चा संभाला कुछ ने पैदल पहुच कर)
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