pub-7443694812611045 बजरी खनन पर रोक फिर भी हो रहा सरकारी कार्यो का निर्माण ।जिम्मेदार मोन रन्नौद मण्डी में चल रहा कार्य गुणवत्ताहीन प्रशासन की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा निर्माण कार्य । जम कर सिंध नदी की बजरी का हो रहा उपयोग एक बारिश नही झेल पायेगा निर्माणधीन टीन सेट व नाली।करोडो रुपया की हुई स्वीकृत लाखों भी नही दिख रहा खर्च होता।। दबंग बाहुबली तत्व के लोगो से कराया जा रहा शासकीय कार्य । काम पूरा होने को नही जुटा पाया कोई भी कार्यवाही करने की हिम्मत। लाल मुरम की बिना कुटाई कर डाल दिया पालिस्टर। - Agnichakra

बजरी खनन पर रोक फिर भी हो रहा सरकारी कार्यो का निर्माण ।जिम्मेदार मोन रन्नौद मण्डी में चल रहा कार्य गुणवत्ताहीन प्रशासन की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा निर्माण कार्य । जम कर सिंध नदी की बजरी का हो रहा उपयोग एक बारिश नही झेल पायेगा निर्माणधीन टीन सेट व नाली।करोडो रुपया की हुई स्वीकृत लाखों भी नही दिख रहा खर्च होता।। दबंग बाहुबली तत्व के लोगो से कराया जा रहा शासकीय कार्य । काम पूरा होने को नही जुटा पाया कोई भी कार्यवाही करने की हिम्मत। लाल मुरम की बिना कुटाई कर डाल दिया पालिस्टर।

बजरी खनन पर रोक फिर भी हो रहा सरकारी कार्यो का निर्माण ।जिम्मेदार मोन 

रन्नौद मण्डी में चल रहा कार्य गुडवत्ताहीन प्रशासन की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा निर्माण कार्य ।


जम कर सिंध नदी की बजरी का हो रहा उपयोग एक बारिश नही झेल पायेगा निर्माणधीन टीन सेट व नाली।करोडो रुपया की हुई स्वीकृत लाखों भी नही दिख रहा खर्च होता।।


दबंग बाहुबली तत्व के लोगो से कराया जा रहा शासकीय कार्य । काम पूरा होने को नही जुटा पाया कोई भी कार्यवाही करने की हिम्मत।



लाल मुरम की बिना कुटाई कर डाल दिया पालिस्टर।


मीडिया हॉउस न्यूज नेटवर्क रन्नौद मोहम्मद फरहान काजी:- जनपद बदरवास के अंतर्गत आने वाली तहसील रन्नौद के स्थित आदिवासी नई वस्ती टोकनी के पास बन रही किसान के सहूलियत के लिए बनी मण्डी प्रागण में काफी लम्बे समय से नाली और टीन सेट का कार्य अधूरा पड़ा था जिसको लेकर किसान की ज्यदा अबाजाही देखते हुए टीन सेट का निर्माण कराया जा रहा है बो भी इतना घटिया कि सायद ही एक बारिश झेल सके हर विकास कार्य को लेकर नईदुनिया व अग्निचक्र न्यूज समय समय पर पड़ताल में जिम्मेदार की नींद उड़ाता है और उड़ाता रहेगा जिससे काम सही चले इसी को देखते हुए जिम्मेदारों को अवगत कराना चाहा तो कोई जबाब नही मिला ।।


हम आपको बता दे कि 

न्यायालय द्वारा बजरी खनन पर रोक लगाए जाने से काफी लम्बा टाइम बीत चुका है। बजरी खनन पर रोक के कारण जहां जिले भर में निजी निर्माण पर तो ब्रेक लग सा लग गया लेकिन अवैध रूप से बजरी का परिवहन कर सरकारी इमारतों , भवनों आदि छोटे कार्य का निर्माण किया जा रहा है।

पत्रकार मोहम्मद फरहान काजी की पड़ताल में सामने आया कि कई स्थानों पर ठेकेदारों ने सरकारी इमारतों का निर्माण काली सिंध की बजरी पर रोक के वाबजूद भी कार्य को अंजाम दिया जा रहा है वहीं कई स्थानों पर ठेकेदार निर्धारित समय पर इमारत के निर्माण की बाध्यता के चलते अवैध बजरी खनन माफियाओं से दोगुने तिगुने दाम पर बजरी खरीद कर निर्माण कर रहे हैं।।




रन्नौद में बन रही मण्डी में पहले तो दो हिस्से में चौतरफा बाउंड्री खड़ी कर दी और काफी अटकलों के बाद तीन चेक पोस्ट रूम का निर्माण और दो टीन सेट बर्षात से बचने के लिए और पानी निकासी के लिए नाली बनाई जा रही है अगर आज दिनाक तक समय रहते नही देखा तो हकीकत में जमीन दौज हो जायेगा निर्माण कार्य इससे पहले इसी में मण्डी अध्यक्ष व सचिव एवं मीटिंग हॉल बनाया था इतना गुणवत्ताहीन रहा कि कुछ समय बाद वह भी जमीन दौज होने में कोई कसर नही छोड़ेगा।



बाकई में अगर जिम्मेदार महकमा देखे तो पता चलेगा कि
देकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है या नही। 







 ग्रामीणों ने पूर्व में अबाज उठाई थी गलत तरीके से हो रहे निर्माण कार्य को देखा तक नही न आज तक निर्माण कार्य का निरक्षण किया गया न किसी से मौका मुआयना।

 घटिया निर्माण कार्य की जानकारी सब को होती है परन्तु कोई कुछ कहने वाला नही न निर्माण को रुकवाकर कार्य देखा जाता है।


प्रशासन की उदासीनता के चलते इन बजरी खनन माफियाओं का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। यहां तक कि इन खनन माफियाओं से मिली भगत से गांवो में अवैध स्टॉक भी जमकर चांदी कूट रहे हैं। गौरतलब है कि कोलारस बदरवास तहसील में जगह जगह स्टॉक है सिंध की अबैध बजरी का और उनके पास बजरी स्टॉक करने का लाइसेंस नहीं है।

अवैधखनन और स्टॉक का फैलता कारोबार का कड़बा सच ।

सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि समन्धित विभाग की मंजूरी लिये बिना बजरी का खनन नहीं किया जा सकता है।



 इधर कोलारस विधान सभा क्षेत्र में बनने वाली सरकारी भवनों, सड़क निर्माण इत्यादि का कार्य जोरों पर है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर रोक के बावजूद भी यह बजरी कैसे और किस बक्त कहां से आ रही है। अगर निर्माण कार्य में बजरी का उपयोग हो रहा है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरेआम अवहेलना होती नजर आ रही है।



अब देखना यह होगा कि नईदुनिया अग्निचक्र न्यूज कि पड़ताल से शासन प्रशासन में खलबली मचती है या फिर आँख पर पट्टी बांध कर सब की निग़ाह में यह कार्य कर बाया जायेगा और कोर्ट इनके आगे झुकता दिखाई देगा।


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