pub-7443694812611045 लगता है अब मध्यप्रदेश से श्री नाथ की विदाई तय है और श्रीमन्त । मध्यप्रदेश में सीएम की कुर्शी की भागदोर सिंधिया जी संभाल सकते है क्योंकि एक वही है जो कार्यकर्ता प्लस आम जन को एक जूट रखने की फुल दम रखते #विकास का भी लड़ झगड़ कर अम्बार लगा सकते है#✒एक सप्ताह में सिंधिया का दूसरा दौरा निरस्त, चर्चाओं के बाजार में तेजी | - Agnichakra

लगता है अब मध्यप्रदेश से श्री नाथ की विदाई तय है और श्रीमन्त । मध्यप्रदेश में सीएम की कुर्शी की भागदोर सिंधिया जी संभाल सकते है क्योंकि एक वही है जो कार्यकर्ता प्लस आम जन को एक जूट रखने की फुल दम रखते #विकास का भी लड़ झगड़ कर अम्बार लगा सकते है#✒एक सप्ताह में सिंधिया का दूसरा दौरा निरस्त, चर्चाओं के बाजार में तेजी |




भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का 7 जून का अपने क्षेत्र का प्रस्तावित दौरा अज्ञात कारणों से निरस्त हो गया है। लेकिन इसके पीछे राष्ट्रीय या प्रदेश के बड़े पद से कोई संकोच नही किया जा सकता है।


 इससे पहले वह 4 जून को आने वाले थे और वह दौरा भी अपरिहार्य कारण बताकर निरस्त कर दिया गया था। 



7 दिन में दो बार दौरा कार्यक्रम निरस्त होने के बाद राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।


गुना शिवपुरी की पारंपरिक सीट पर करारी हार के बाद से कांग्रेस सदमे से उभर नहीं पाई है।


 पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मतदान वाले दिन के बाद से यहां नहीं पहुंचे हैं। 


सिंधिया की हार के बाद गुना शिवपुरी अशोकनगर क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को समझ नहीं आ रहा कि वे अब कहांं जाएं। 


कार्यकर्ताओं की परेशानी को समझते हुए पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 जून को गुना-शिवपुरी और अशोनगर का दौरा कार्यक्रम बनाया।
कार्यक्रम के तहत उन्हें पब्लिक मीटिंग लेनी थी जिसमें भी जनता के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते, लेकिन ऐन वक्त पर इस दौरे का निरस्त कर दिया गया। 



बताया गया कि राहुल गांधी ने सिंधिया को दिल्ली में रूकने के लिए कहा है।



इस दौरे के निरस्त होने के बाद 7 और 8 जून का दौरा कार्यक्रम बनाया गया जिसमें पब्लिक मीटिंग निरस्त कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक आयोजित की गई,


 लेकिन अब यह दौरा भी निरस्त हो गया है जिससे राजनैतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह बताया जा रहा है कि सिंधिया दिल्ली में हैं, मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दिल्ली पहुंच गए हैं और प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चर्चाएं भी जोरों पर हैं परन्तु सूत्रो की माने तो प्रदेश अध्यक्ष की कमान लेना नही चाह पा रहे है सिंधिया जी।



 जिसके चलते अटकलों का दौर जारी है।
सिंधिया असमंजस में इसलिए निरस्त हो रहे हैं दौरे
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि गुना शिवपुरी ससंदीय क्षेत्र में पराजय के बाद सिंधिया असमंजस में हैं और उन्हें समझ नहीं आ रही कि वह नई शुरूआत कहां से करें। 



उन्हें उनके सलाहकार और कांग्रेस नेता अलग अलग तरह की सलाह दे रहे हैं। कुछ का कहना है कि सिंधिया को अब गुना शिवपुरी ससंदीय क्षेत्र छोड़ देना चाहिए और अगला चुनाव ग्वालियर से लडऩे के विषय में सोचा जाना चाहिए।



जबकि कुछ अन्य सलाहकारों का मत उक्त राय से भिन्न है। उनके अनुसार सिंधिया को अगला चुनाव गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से ही लडऩा चाहिए और मतदाताओं को यह एहसास करना चाहिए कि उन्हें पराजित कर उन्होंने गलती की है।


 लेकिन गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में शुरूआत कहां से की जाए इस पर भी सलाहकारों के भांति भांति के मत हैं। जिला कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि अभी सिंधिया को क्षेत्र में नहीं आना चाहिए।
संसदीय क्षेत्र से सिंधिया पराजित हुए है इसलिए आभार सभा का कोई औचित्य नहीं है।


 साल 6 माह बाद ही वह क्षेत्र की सुध लें तब तक नवनिर्वाचित सांसद केपी यादव की कथित विफलताएं भी सामने आ जाएंगी। जबकि प्रदेश स्तर के एक पदाधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिंधिया को क्षेत्र में आना तो चाहिए और सक्रियता बनाए रखना चाहिए ताकि उनके समर्थकों का मनोबल बना रहे और उन्हें नहीं लगे कि वह नेताविहीन हो चुके हैं।


उक्त नेता ने ही सिंधिया को कार्यकर्ता बैठक की सलाह दी थी, लेकिन एक अन्य कांग्रेस नेता का कहना है कि सिंधिया को संसदीय क्षेत्र में आकर मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए ताकि मतदाताओं को एहसास हो कि सिंधिया को हराकर उन्होंने एक बड़ी भूल की है और उनके मन में पश्चाताप की भावना आएगी वहीं से सिंधिया की जीत की शुरूआत होगी। शायद इसी ऊहापोह के कारण सिंधिया के दौरे लगातार टल रहे हैं। 



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