बर्षा दे मोला पानी तेरी दुनिया है घबरानी इलाई भेज दे पानी मचा दे धूम बारिश कि जम कर बर्षे मेघा….! दुआ के लिए उठे हजारो हाथ और हो गई झमाझम बरसात - भोपाल शहर काजी ने पढ़ाई बिशेष नमाज, हुई दुआ-ए-खास 👈
भोपाल : हर जगह पानी के आस के लिए किये जा रहे बिशेष कार्य में भोपाल व अन्य महानगरो में -जुमा की नमाज से फारिग होते- हुए लोगों के कदम शहर के सेंट्रल लाईबे्रेरी मैदान की तरफ बढऩे लगे थे….।
तेज धूप और तल्ख गर्मी के हालात में उनके मन में एक ही मुराद थी, अल्लाह पानी बरसा दे तो सुकून के हालात बना दे….।
दोपहर तीन बजे का वक्त मुकर्रर किया गया था, बारिश के लिए नमाज-ए-खास अदा करने के लिए।
इससे पहले ही मैदान खचाखच भरा दिखाई देने लगा था। कई मार्गों पर आवाजाही बढ़ गई थी और जगह-जगह वाहनों के जाम लगने के हालात बनने लगे थे।
करीब सवा तीन बजे शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने नमाज-ए-इश्तेशका के लिए नीयत की।
दूसरी तरफ बादलों ने आसमान में चहलकदमी शुरू कर दी। पहली रकअत अदा होते-होते बादलों ने सूरज पर फतह हासिल कर ली और आसमान पर अपना कब्जा जमा लिया।
दूसरी रकअत हुई, हवाओं में नमी और बारिश की आमद के हालात लहराने लगे। नमाज से फारिग होते ही दुआ-ए-खास शुरू हुई।
अल्लाह से गिड़गिड़ाकर रहमतों की बारिश की गुजारिश की जाने लगी। भीड़ से बचने फेर में लोगों ने दुआ खत्म होने से पहले ही मैदान से बाहर निकलना शुरू कर दिया। चंद कदमों की दूरी ही उन्होंने तय की होगी और आसमान में जमा बादलों की टोलियों ने जमीन की तरफ धावा बोल दिया तेज गरज, चमक और झमाझम के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया।
बात सुनने, कहने या पढऩे में फिल्मी जरूर लगती है, लेकिन यह नजारा शुक्रवार को राजधानी के बाशिंदों ने खुद देखा है। शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने गुरूवार को इस खास नमाज और दुआ के लिए ऐलान किया था।
शहर के बाकी उलेमाओं ने भी इसके लिए अपनी सहमति दी थी। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इसकी खबर शहर तक पहुंचाई गई।
नमाज-ए-जुमा के बाद दोपहर तीन बजे सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड पर इस खास नमाज के लिए वक्त मुकर्रर किया गया था।
बड़ी तादाद में पहुंचे लोगों ने और यकीन के साथ नमाज में हिस्सा लिया और रेहमत की बारिश के लिए दुआ की।
उनके लिए यह चौंकाने वाला ही नजारा था कि चट दुआ, पट अमल की कहावत उनके सामने थी। नमाज और दुआ से फारिग होने के चंद ही मिनटों में शहर पानी से तरबतर दिखाई दे रहा था।
दो हफ्ते पहले भी बने थे हालात
मानसून की आमद में हुई देरी के बाद लोगों की बढ़ती बेचैनी को देखते हुए दो सप्ताह पहले भी शहर की मस्जिदों में रेहमतों की बारिश के लिए दुआ की दरख्वास्त की गई थी।
इसके चलते नमाज-ए-जुमा के बाद लगभग सभी मस्जिदों में दुआ की गई थी। नमाजों का दौर चल ही रहा था और इसी दौरान बारिश ने आमद देकर लोगों के मन को खुशियों से लबरेज कर दिया था।
बात यह भी होती रही शहर के बीच सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान में बारिश के लिए की जाने वाली खास नमाज को लेकर कुछ लोगों ने दलील दी थी कि ऐसी नमाज शहर या बस्ती से बाहर पढऩे का हुक्म है।
इसलिए इसका एहतमाम शहर के बीच करना मुश्किल आसान करने के लिए कारगर साबित नहीं होगा। लेकिन बढ़ चुकीं शहर की सरहदें और लोगों की मसरूफियत का ख्याल रखते हुए नमाज-ए-खास को शहर के बीच ही अदा किया गया और अल्लाह की कुदरत है कि इस दुआ को भी उसने कुबूल किया और लोगों को राहत अता कर दी।
दुम दबाकर भागा पारा पिछले कई दिनों से सिर उठाए हुए पारे ने अपनी चाल तेज कर 36 का आंकड़ा हासिल कर लिया था। गर्मी, उमस और बेचैनी के हालात में लोगों की परेशानी चरम पर नजर आने लगी थी। शुक्रवार दोपहर हुई तेज बारिश के बाद पारेकी चाल थमी और मौसम में ठंडक घुलती नजर आने लगी है। लोगों ने चैन की सांस लेते हुए आने वाले कुछ दिनों में बेहतर मौसम की उम्मीद लगाना शुरू कर दी है।

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