pub-7443694812611045 आवेदक को हर जिले की जन सुनवाई कुछ अलग थलग करते देखा जाता परन्तु ऐसा कभी नही देखा न सुना लेकिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले का मामला प्रकाश में आया है जहाँ :-✒जनसुनवाई वेंटिलेटर पर : आवेदनो की हाफ सेंचुरी मारी, बुजुर्ग ने गुस्से में पटकी कलेक्टर की टेबिल पर नोटो की गड्डी। सब चिक्कर घिन्नी हो गए कि उक्त बुजुर्ग ने आखिर ऐसा क्यों करा क्या रही बजह एक बार खबर जरूर पड़े - Agnichakra

आवेदक को हर जिले की जन सुनवाई कुछ अलग थलग करते देखा जाता परन्तु ऐसा कभी नही देखा न सुना लेकिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले का मामला प्रकाश में आया है जहाँ :-✒जनसुनवाई वेंटिलेटर पर : आवेदनो की हाफ सेंचुरी मारी, बुजुर्ग ने गुस्से में पटकी कलेक्टर की टेबिल पर नोटो की गड्डी। सब चिक्कर घिन्नी हो गए कि उक्त बुजुर्ग ने आखिर ऐसा क्यों करा क्या रही बजह एक बार खबर जरूर पड़े



शिवपुरी। प्रदेश के हर जिले में कलेक्ट्रेट में लगने वाली जनसुनवाई का मजमा मैं कितनी आम नागरिको की सुनवाई होती हैं इसका उदाहरण शिवपुरी की कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के समय एक 90 वर्षीय बुजुर्ग ने जनसुनवाई में नही हो रही सुनवाई के कारण गुस्से में आकर कलेक्टर के आगे नोटो की गडडी पटक दी।


जानकारी के अनुसार करैरा से आए 90 वर्षीय प्रभुदयाल त्रिपाठी मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे वर्ष 2006 से परेशान हैं। बिजली विभाग ने उसकी बिना अनुमति के सर्वे नंबर 142-2 और 142-3 पर 0.02 और 0.05 हेक्टेयर जमीन पर बिजली के पांच खंभे अवैध रूप से लगा दिए। इन खंभों को कई शिकायत के बाद भी नहीं हटाया गया।


इसके बाद वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले का समाधान कलेक्टर करें और खंभों को हटाने का पैसा आवेदक से जमा कराएं। इस आदेश को भी किसी ने नहीं माना। बुजुर्ग प्रभुदयाल का कहना है कि वे बिजली कंपनी के एई से लेकर सभी अधिकारियों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो गए हैं, लेकिन उनकी जमीन से अब तक खंभे नहीं हटाए गए। 

आवेदक ने कलेक्टर शिवपुरी पी अनुग्रह से कहा कि मैं पिछले 14 साल से फोरलेन रोड के लिए ली गई अपनी जमीन के मुआवजे और अपनी जमीन पर बिजली कंपनी द्वारा अवैध रूप से लगाए गए 5 खंभों को हटवाने को लेकर परेशान हूं। अब तक 50 बार जनसुनवाई में आया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। बिजली कंपनी के दफ्तरों में गया, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई।


आपके पास फिर से आया हूं। कब होगी इस 90 साल के बुजुर्ग की सुनवाई। यह कहते हुए करैरा के प्रभुदयाल त्रिपाठी ने कलेक्टर अनुग्रहा पी की टेबल पर 100 के नोटों की गड्डी पटकते हुए कहा कि आप जो पैसा जमा करना है कर लो, मेरी जमीन से खंभे हटवा दो और मुआवजा दिलवा दो। कलेक्टर ने रुपए देखकर पहले तो सख्त लहजे में कहा- यह क्या तरीका है। बाद में बुजुर्ग की उम्र का लिहाज कर उनसे बैठने को कहकर पैसा संभालकर रखने और उनकी सुनवाई करने की बात कही।


शिकायत में आवेदक प्रभुदयाल त्रिपाठी ने फोरलेन सड़क में गई जमीन का 6 लाख से अधिक का मुआवजा नहीं मिलने की बात भी कही है। बुजुर्ग का कहना है कि ऐसे वे कब तक परेशान होते रहेंगे। इस पर कलेक्टर ने उनका दूसरा आवेदन भू-अर्जन शाखा को मार्क कर दिया।


14 में राम का भी वनवास खत्म हो गया था
14 साल में तो राम भी वनवास से आ गए। मेरा निर्णय कब होगा, मैं तो यही सोचकर परेशान हूं। पैसे मैंने इसलिए निकाले ताकि बिजली कंपनी में जमा होने के बाद मेरी जमीन से खंभे तो हट जाएं।
प्रभुदयाल त्रिपाठी, आवेदक।



हम उनके मामले की जांच करा रहे हैं
उन्होंने मेरी टेबल पर रुपए नहीं रखे। हां, जेब से निकालकर दिखाए जरूर थे। वे काफी बुजुर्ग थे, लेकिन उनका यह तरीका गलत था। हम उनके मामले की जांच करा रहे हैं।
अनुग्रहा पी, कलेक्टर, शिवपुरी

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