BIG NEWS:-मध्यप्रदेश की तहसील बैराड़ की बड़ी घटना गुजरात की घटना से अभी तक किसी ने नही लिया सबक पक्की बिल्डिंग की जगह टीन सेट के नीचे हो रही थी पढ़ाई पर्दे के लिए लगा रखी थी दीबार चन्द फायदे के चक्कर में बड़ी चूक बैसे हर स्कूल संचालक करते बच्चों की जिंदगी से खिलबाड़ जिम्मेदार नही देख बाल करता ऐसा न करते हुए तभी तो यह घटना घटित हुई 👈 विजयानंद स्कूल की दीवार गिरी, पांच बच्चे घायल, क्लास के दौरान हुआ हादसा :-👈
शिवपुरी। खबर जिले के बैराड थाना क्षेत्र के शासकीय विजयाानंद स्कूल की बिल्डिंग गिर गई मंगलवार की दोपहर में यह हादसा हुआ।
इस हादसे में आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए हैं। जिसमें दो की हालत नाजुक बताई जा रही है। बाद में इन बच्चों को शिवपुरी रैफर कर दिया गया है।
स्कूल की बिल्डिंग गिरते ही हर तरफ अफरा तफरी मच गई और आसपास सहित पूरे बैराड़ कस्बे के लोग तुंरत ही स्कूल की ओर दौड़ पड़े।
उक्त घटना की खबर आग की तरह बैराड़ ही नही बैराड़ जैसे कई जगह अफरा तफरी का महौल हो गया और देखते ही देखते वीडियो फोटेज वायरल होने लगे चन्द घण्टे में खबर ऐसी फेली की मानो की कोई बड़ा पहाड़ टूट पड़ा हो।
हाँ लेकिन घटना जरूर बड़ी निंदा करने लायक है और की जानी भी चाहिए क्योंकि मामला बच्चों की मासुमियत के साथ खिलबाड़ जो किया गया है ऐसे स्कूल पर जिले के आला अधिकारी व शिक्षा मंत्री जी को तत्काल स्कूल प्रभारी के ऊपर कड़ी कार्यवाही करना चाहिए ऐसा ग्रामीणों का कहना है।
आपको यह भी बता दे कि उक्त स्कूल जहाँ घटना घटित हुई है वह एक प्राइवेट स्कूल था जो कि सरकारी कर दिया गया लेकिन उस स्कूल की दिन चारिया वही कि वही है ऐसे मानशिकता के स्कूल शासन क्यों चला रही है।
इस हादसे के बाद कुछ बच्चे मलबे में दब गए थे। जिन्हें स्कूल स्टाफ ने स्थानीय लोगों की मदद से निकाल लिया।
घटना की जानकारी मिलते ही शिवपुरी पुलिस और नगर परिषद की टीम मौके पर पहुंच गई है औऱ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा गया।
बता दें कि पिछले साल ही इसे शासकीय बनाया गया है।
जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त नौवीं क्लास में 6 बच्चे पढ़ रहे थे। तभी स्कूल की पिछले हिस्से की दीवार भरभराकर गिर गई।
जानकारी के अनुसार गंभीर हादसा विजयानंद स्कूल बैराड़ में दोपहर 12 बजे पानी बरसने फूली हुई दीवाल भर-भरा कर उस समय बिल्डिंग धराशाई हुई जब बच्चे कक्षा अध्ययन कर रहे थे।
जैसे ही यह बिल्डिंग गिरी बच्चों में भगदड़ मच गई जिसमें अंकित पुत्र राधेश्याम, आकाश धाकड़ पुत्र ब्रजमोहन धाकड़, संदीप यादव पुत्र मेघ सिंह मलवे में दब कर रह गए।
जिन्हें वहां के स्थानीय लोगों ने तत्काल निकाला और उपचार हेतु बैराड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल इन्हें शिवपुरी के लिए रैफर कर दिया गया।
विदित हो कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष ही शिक्षण संस्थाओं का निरीक्षण किया जाता है वहीं नगर पंचायत द्वारा आनंद विद्यालय के जरजर भवन का निरीक्षण न करते हुए उसमें शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र एवं छात्राओं की जान को जोखिम में डाल दिया।
परिणाम स्वरूप आनंद विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते समय दर्जनों बच्चे घायल हो गए। वहीं विद्यालय संचालित करने वाली प्रबंधन समिति को क्या विद्यालय के जरजर भवन की स्थिति का भान नहीं था।
जो आज छात्रों को उसका दुष्परिणाम झेलना पड़ा है। काश जिम्मेदार लोगों द्वारा समय रहते विद्यालय भवन को दुरूष्त करा लिया होता तो बेकसूर छात्रों को इसका दंश नहीं झेलना पड़ता।
जिला चिकित्सालय के लिए रैफर किए गए छात्र पहुंचे निजी चिकित्सालय में विजय आनंद विद्यालय भवन धराहाशाही होने की बजह से उसमें घायल बच्चों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैराड़ लाया गया।
जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला चिकित्सालय के लिए रैफर किया गया। घायल बच्चों को जिला चिकित्सालय में उपचार उपलब्ध कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों, वर्तमान विधायक सुरेश राठखेड़ा, व पूर्व विधायक प्रहलाद भारती इंतजार ही करते रहे, लेकिन विद्यालय प्रबंधन द्वारा घायल छात्रों को जिला चिकित्सालय में न लाते हुए पोहरी रोड़ पर स्थित निजी सिद्धी विनायक चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया।
घायल छात्रों को जिला चिकित्सालय से बेहतर निजी चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधायें मिल पायेंगी?
वहीं विद्यालय भवन गिरने से घायल छात्रों का प्रकरण जब पुलिस में दर्ज किया जा चुका हैं तब उन्हें निजी चिकित्सालय में भर्ती कैसे किया जा सकता हैं?
विधायक ने घायल छात्रों को दी पांच-पांच हजार की आर्थिक सहायता
जिले भर में संचालित शासकीय विद्यालयों का निरीक्षण शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं।
साथ ही विद्यालय भवन व शिक्षण प्रक्रिया का जांच प्रतिवेदन शासन को भेजा जाता हैं। तब सवाल यह उठता हैं कि क्या गत वर्ष शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त विद्यालय भवन निरीक्षण नहीं किया गया यदि किया गया हैं तो जांच प्रतिवेदन में क्या इसका उल्लेख किया गया हैं?
जबकि बरसात के मौसम से पूर्व विद्यालय भवनों का निरीक्षण कर उनकी स्थिति से शासन को अवगत कराना आवश्यक नहीं समझा गया।
विजयानंद स्कूल की घटना में घायल बच्चों के उचित इलाज के लिये स्वयं जिला चिकित्सालय पहुँचे व अपने बेटे को तुरंत घटना स्थल पर भेजा। घायल बच्चों के इलाज हेतु विधायक स्वेच्छा निधि से 5000-5000 रूपये की राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिये।

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