पवित्र माह :- रमजानुल मुबारक के तीसरे जुमे पर मस्जिदों में अदा की गई शाही नमाज,।।
बॉक्स -: मौलाना उसामा फारूकी बोले, रमजान में एक नेकी के बदले , 70 नेकी प्राप्त होती है,यह महीना खूब नेकी कमाने वाला महीना है इसे फालतू के वक्त में न लगाए बल्कि हर पल इबादत में मशगूल रहे जिससे, कल आखिरत में सबब का जरिए बने,।।
फरहान काजी रन्नौद ,।। रन्नौद नगर में आज तीसरे जुमा की नमाज अदा कराई गई,रमजाननुल मुबारक का पाक साफ महीना,रहमत व बरकतों वाला महीना होता है,शुक्रवार को होने वाली शाही नमाज से पहले मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम जमा होने लगा, हजारों की तादात में नमाजियों ने, शाही जमा मस्जिद सादर बाजार,रजा जमा मस्जिद, व आसपास की मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज अदा की गई।
बता दे कि की शाही जमा मस्जिद रन्नौद में मौलाना उसामा फारूकी ने सर्व प्रथम बयान कर तकरीर की गई जिसके बाद खुत्बा पढ़ाया फिर शाही जमा मस्जिद में मुआजिन ने तकबीर कही जिसके बाद नमाज शुरू की गई, जुमा की दो रकअत फर्ज नमाज अदा कराई गई, जिसके बाद, देश में अमन चैन के किए दुआ ए खास हुई,।।
इसी क्रम में बस स्टैंड पर स्थित रजा जमा मस्जिद में,भी शाही तरीके से शुक्रवार की रमजान के पाक महीने की तीसरे जुमा की नमाज अदा कराई गई,वहां भी रन्नौद नगर सहित आसपास के लिए दुआ की गई, किसानों की आई हुई फसल पर बादल मंडरा रहे हैं उसके लिए भी खुशीशी दुआ की गई जो कि चर्चा का अहम विषय रही,।।
मौलाना उसामा फारूकी ने बताया कि, माह- ए- रमजान का पाक साफ महीना चल रहा है। इस दौरान सुन्नते नमाज तराबी पढ़ने का बड़ा महत्व है। रमजान शुरू होने के पहले ही रमजान का चांद देखने के साथ ही रात में लोग बाद नमाज इंशा की नमाज के बाद तराबी पढ़ने में लग जाते हैं, 30 दिनों के माहे रमजान में तराबी की शक्ल में हाफिज ए कुरान कलाम पाक को एक माह में पड़ कर पूरा फरमाते हैं आपको विशेष बात यह बता दे कि सुन्नते ए तराबी की नमाज में कुरान करीम को बिना देखे हर रोज हाफिज ,आलिम , मुफ्ती, कारी, यह खास शख्सियत पढ़कर सुनाते हैं और मुक्तदी खामोशी से उसके पीछे खड़े होकर कुरान करीम की तिलावत को सुनते हैं।
आपको यह भी बता दे कि , तराबी की नमाज कबतक चलती है तराबी की नमाज दो-दो रकात,पढ़कर 20 रकात पढ़ी जाती है, जो लगातार 1 माह तक चलती रहती है। इस नमाज में रोजा रखने या ना रखने वाले बच्चे, बूढ़े और नौजवान मस्जिदों में उपस्थित होकर तराबी पढ़ते हैं।
बता दे कि रमजानुल मुबारक के खास मौके पर एक नेकी के बदले 70 गुना नेकी का शबाब माह-ए-रमजान में मिलता है। इसी तरह कलामें पाक की एक एक हर्फ पढ़ने वाले और सुनने वालों को शबाब मिलता है। जिसको हासिल करने के लिए मर्द, मोमीन, नौजवान और बच्चे मस्जिदों में इंशा की नमाज में जम जाते हैं। वहीं औरते तराबी की नमाज को अपने अपने घरों में अदा करती हैं। नमाज अदायगी की सबसे अधिक फजीलहत मस्जिद में अदा करने की होती है।।
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