pub-7443694812611045 अनदेखी - समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का अंतिम दिन, किसानों के साथ लगातार ठगी जारी ,।। जिम्मेदार मोन - Agnichakra

अनदेखी - समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का अंतिम दिन, किसानों के साथ लगातार ठगी जारी ,।। जिम्मेदार मोन



50 किलो 500 ग्राम, से लेकर 50 किलो 800 ग्राम तक तोल रहे गेहूं, किसानों के शोषण पर नहीं किसी जिम्मेदार का ध्यान आकर्षित,।।


किसान को वारदाना न मिलने की सकल में गेहूं को घर वापस ले जाने को मजबूर हुआ किसान,।।


खुले आसमान के नीचे रखा हजारों कुंटल गेहूं, जरा सी चूक में खराब हुआ तो जिम्मेदार कौन,।।


ठगी का शिकार हो रहे किसानों ने मीडिया प्रतिनिधि से लगाई गुहार।।


( फरहान काजी ) रन्नौद - शिवपुरी।। मध्यप्रदेश शासन के दिशा निर्देश अनुसार आज दिनांक 5 मई सोमवार से समर्थन मूल्यों पर गेहूं खरीदी का अंतिम दिन था जिसके चलते किसानों की भीड़ भी काफी देखी गई इसी बीच किसानों के शोषण की खबर मिली जिसके बाद अग्निचक्र न्यूज प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे तो किसानों की परेशानी सुनी जिसमें किसानों ने बताया कि शासन स्तर से 50 किलो गेहूं की तोल के निर्देश है वहीं किसानों के साथ ठगी करते हुए गेहूं खरीदी केंद्र पर तैनात कर्मचारी द्वारा किसी किसान से 50 किलो 500 ग्राम गेहूं तोला जा रहा है तो वहीं जबकि वरदानों का वजन तोला गया तो प्रति कट्टे में 150 ग्राम वजन होना पाया , वहीं एक किसान से 50 किलो 800 ग्राम गेहूं तोला गया, जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते किसानों की शोषण भरी पीड़ा आज प्रकाश में आई है न जाने खरीदी प्रारंभ से आज तक कितने किसानों का शोषण कर खरीदी केंद्र के जिम्मेदारों ने अपनी जेब भर कर किसानों के साथ ठगी की गई होगी,।।



जानकारी के मुताबिक :- सोमवार की दोपहर आधा दर्जन किसानों ने रन्नौद कृषि उपज मंडी समिति में चल रही गेहूं की खरीदी केंद्र पर शोषण एवं ठगी की शिकायत कर अग्निचक्र न्यूज प्रतिनिधि फरहान काजी को अपनी पीड़ा बताई है , किसान अजयपाल जाट निवासी गिल्टोरा व लखन सिंह बघेल माढ़ा गणेशखेड़ा ने बताया कि काफी दिनों से खरीदी केंद्र के चक्कर काट रहे हैं आज अंतिम दिन है गेहूं खरीदी का जिसमें संपूर्ण वारदाना नहीं दिया जिससे बचा हुआ गेहूं वापस ले जाना पड़ रहा है, साथ ही किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए किसानों के गेहूं को बढ़ती वजन यानी ज्यादा तोल की जा रही है जबकि यह गलत है, सोसायटी बैंक के जिम्मेदारों का इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं है जिसके चलते अंतिम दिन भी किसानों के साथ शोषण के साथ साथ ठगी की जा रही है , देखना यह होगा कि जिम्मेदार क्या कुछ एक्शन लेते हैं, ।।



बता दे कि , सहकारी बैंक के एक कर्मचारी ने बताया कि, गेहूं में नमी काफी आ रही है जिसके चलते किसानों के गेहूं को 500 ग्राम से लेकर 800 ग्राम तक तोल ज्यादा की जा रही है, वहीं किसानों ने बयान दिए हैं कि हमारे गेहूं में बिल्कुल भी नमी नही है जिसके बावजूद गेहूं गीला बता कर ज्यादा तोल की जा रही है, यह ख़बर तो अंतिम दिन में प्रकाश में आई है न जाने इस बीच कितने किसानों के साथ ठगी की गई होगी,।।




जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते खुले आसमान के नीचे गेहूं की खरीदी की जा रही है दो दिन पूर्व हुई बारिश से काफी गेहूं भींग कर खराब हो गया है जिसकी कौन भरपाई करेगा यह भी बड़ा सवाल है,हर रोज मौसम भी अंगड़ाई ले रहा है ऐसे में फिर बारिश होती है तो काफी नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है,।।


पाठकों को यह भी बता दे कि, समय पर किसानों को वारदाना न मिलने की सकल में किसान को एक हजार रुपए रोज के हिसाब से टैक्टर चालक को भाड़ा दिया जा रहा है ऐसे में लखन सिंह बघेल को अंतिम दिन भी गेहूं भरने को वारदाना नहीं मिला जिसके चलते नाराज होकर अपना गेहूं वापस घर ले गया ओर शासन के हर वह वादे जो किसानों के प्रति हर मंच पर किए जाते हैं वह सब धराशाई नजर आए हैं,।।।।


इनका कहना है  अशोक कुमार राजपूत तहसीलदार रन्नौद,, आपने ने बताया है हम दिखवा लेते है किसानों के साथ ठगी नहीं होने देंगे, साथ ही वारदाना की हमने अपडेट करा दिया है,आगे देखते है।।


इनका कहना है, अजयपाल जाट किसान , में काफी दिनों से परेशान हु न तो समय पर पूरा वारदाना मिला, आज जब तलाई गेहूं की कराई तो खरीदी केंद्र पर तोल कर रहे मजदूरों ने 50 किलो 500ग्राम तोल की जबकि वारदाना का महज वजन 150 ग्राम है सोचो जबसे खरीदी शुरू हुई होगी कितने किसानों के साथ ठगी को गई होगी,।।


इनका कहना है , लखन सिंह बघेल, हम पिछले 6 दिन से परेशान हैं गेहूं नहीं तुला है खरीदी केंद्र का आज अंतिम दिन है , इसी बीच हमें ख़बर मिली की वारदाना नहीं है कैसे गेहूं खरीदी केंद्र पर गेहूं डाले, हमको 6 दिन तक भाड़ा देने के बाद गेहूं को वापस घर ले जाना पड़ रहा है, खरीदी केंद्र पर तारीख बढ़ती है तो गेहूं तुल सकेगा वरना हमारी मेहनत बेकार रही,।।







कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.