ईमान ऐसा कि मिसाल बन गए: पत्रकार बबलू पठान के भाई शेरू पठान ने सड़क पर मिला मोबाइल व रुपए लौटाए,।।
पॉइंट नम्बर 1 -।। एक तरफ लोग एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछाल ने का काम करते हैं, वहीं एक समुदाय विशेष के व्यक्ति ने जीता दिल,।।
पॉइंट नम्बर 2 -।। महंगाई के दौर में हर किसी व्यक्ति विशेष के मन मे चालाकी सर चढ़कर बोलती है, लेकिन कुछ ऐसे भी इस मानव जाति मे लोग हैं जो कि ईमानदारी की मिशाल पेश करने से कभी नहीं चूकते हैं,।।
पॉइंट नम्बर 3 -।। शेरू पठान की चारों ओर तारीफ के कसीदे कसे जा रहे हैं,।।
पॉइंट नम्बर 4 -।। कसीदे तो शेरू पठान के तब हद से ज्यादा बढ़ गए जब एक व्यक्ति ने अपना मोबाइल व पूरे पैसे मिलने की स्थिति में, इनाम के रूप में कुछ रुपए दिए लेकिन ईमानदार शेरू पठान ने पैसे लेने से साफ इनकार कर दिया,।।
पॉइंट नम्बर 5 -।।सलाम हे शेरू पठान जी के जज्बे को, नफरत भरे माहौल में अपना ईमान का किरदार जारी रखा जिससे एक युवक ने अपनी पीड़ा को कम किया मोबाइल व पैसे मिलने के कारण,।।
शिवपुरी@ :- मध्यप्रदेश का एक जिला है शिवपुरी जिसमें पिछोर विधानसभा आती है, पिछोर नगर शांति का ओर भाई चारे का माहौल है , वहीं भाई चारा व ईमानदारी का परिचय देते हुए पिछोर के शेरू पठान ने एक युवक का मोबाइल व कुछ पैसे लौटा कर बड़ा ही पुनीत कार्य किया है,आपको बताते हुए हर्ष होगा कि शिवपुरी के पिछोर में एक मिसाल कायम करते हुए शेरू पठान काफी चर्चा में आए हैं यहां बताना अतिशयोक्ति होगा कि शेरू पठान पत्रकार बबलू पठान के भाई हैं जिन्होंने ईमानदारी का परिचय दिया है।।
जानकारी के मुताबिक :- बता दे कि शेरू पठान को सड़क पर एक मोबाइल और कुछ नगद रुपए मिले थे, जिन्हें उन्होंने बिना किसी लालच के उनके असली मालिक को वापस लौटा दिया जिससे बेहद चर्चा में आ गए हैं शेरू पठान ,।।
बताया गया कि उक्त मोबाइल व पैसे संकट मोचन पिछोर निवासी राजेंद्र जाटव पुत्र कैलाश जाटव का था जो रास्ते में गिर गया था। वहीं से शेरू पठान गुजर रहे थे तभी उनकी नजर एक मोबाइल व कुछ नगदी पैसों पर पड़ी तो उन्होंने आजू बाजू देखा तो कोई दिखा नहीं जिससे वह उक्त जगह पर काफी देर तक इंतजार करने लगे कि कैसी भाई का मोबाइल व पैसा गिरा हो वह ढूंढता आए तो उसकी अमानत वापस कर सके, जब कोई नहीं आया तो उस सज्जन की तलाश शुरू की जिसका मोबाइल व नगद राशि गिर गया था, जैसे ही पता चला शेरू पठान जी को तो वह फौरन उक्त युवक को ईमानदारी की मिशाल पेश करते हुए मोबाइल व पैसे सुपुर्द किए,जिसके बाद मानो राजेन्द्र की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।।
इस नेक कार्य की नगर में सराहना की जा रही है। शेरू पठान की ईमानदारी और सजगता ने यह साबित कर दिया कि आज भी समाज में अच्छे और जिम्मेदार नागरिक मौजूद हैं। स्थानीय लोगों ने उनके इस कार्य की दिल से प्रशंसा की है।


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